खामोश रातों की

गीत रचयित :
Lyricist:

Hindi Lyrics


खामोश रातों की ठंडी हवाओ से
आयी फरिश्तों की मीठी आवाज़
पैदा हुआ पैदा हुआ (2)
मुक्ति दाता हमारा पैदा हुआ
तारणहारा हमारा पैदा हुआ ||खामोश||

फरिश्तों ने आके ज़मीन पे
गडरियों को दिया इशारा
पैदा हुआ है मुंजी जो
मिलेगा तुम्हे एक गोशाला (2)
चरवाहों ने भी उसको सजदा किया (2) ||खामोश||

देखो वो पूरब दिशा से
आये थे थारे के पीछे
मजूशी भी सर को झुकाके
शिक्षक येशु को ही माने (2)
बुद्धिमानो ने भी उसको सजदा किया (2) ||खामोश||

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