देश

गीत रचयित :
Lyricist:

Hindi Lyrics


ये नफरत के दिवार
क्यों एक दूजे से जुड़ा
भाई-भाई के खिलाफ
क्यों रोता देश मेरा

मेरे वतन की – तू ही राजा है
तेरे भरोसे – हिन्दुसितां है (2)

इस देश का खुदा तू है
बच्चों का पिता तू है
जाती पाती धर्म से बड़ा
अब दूर नहीं किसी से
पास है तू हर एक दिल के
सात तू कभी ना छोड़ेगा

हम सब एक परिवार
एहि है हमारी पहचान
भिन्नताओं में एकता
भारत हमारा है महान
रेहमो करम से बढ़ते चले हैं
तेरी वफ़ा से गिरके उठे हैं (2)

इस देश का खुदा तू है
बच्चों का पिता तू है
जाती पाती धर्म से बड़ा
अब दूर नहीं किसी से
पास है तू हर एक दिल के
सात तू कभी ना चोडेगा

मेरे वतन
मेरे वतन – क्यों है रूखा
तेरे गीतों की कहाँ है आवाज़ – (2)
क्यों नफरथे – क्यों बरबादियाँ
तेरे जिस्म के टुकड़े – यहां गिरे हुए है
मेरे वतन – क्यों है रूखा
चल साथ मिलकर गाये
गीत नया – (3)

मेरे वतन – उठ जाग जा
तेरा समय अब आ गया
मेरे वतन – हम एक हैं
तू प्यार का – झंडा उठा (2)

इस देश की आवाज़ है हम
आज़ादी का साज़ हैं हम
मिलकर एक मैं होकर गाये
गुलामी से रहा हुए अब
एकता का अटूट बंधन
प्यार से बदल दें ये जहां (2)
प्यार से बदल दें ये जहां
प्यार से बदल दें ये देश अपना

English Lyrics

Audio

Download Lyrics as: PPT

HOME